उमरिया/मध्यप्रदेश

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ई-अटेंडेंस का नया संकट अतिथि शिक्षकों के सामने

शासन के आदेश के बाद फिर एक बार अतिथि शिक्षक आंदोलित

उमरिया–(अमित दत्ता)-मध्यप्रदेश शासन शिक्षा विभाग के द्वारा अतिथि शिक्षकों के लिए ई अटेंडेंस को अनिवार्य करने से शिक्षा विभाग में कार्यरत अतिथि शिक्षकों के सामने नया संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश भर में अब तक लगभग साठ हजार अतिथि शिक्षकों ने विद्यालयों में कार्य भार ग्रहण कर लिया है। अतिथि शिक्षकों के सहारे चल रहा शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में अपने मोबाइल फोन के माध्यम से ई अटेंडेंस लगाने का फरमान जारी कर दिया है। यद्यपि यह आदेश नियमित शिक्षकों के लिए भी लागू किया गया है। इस आदेश के बाबजूद नियमित शिक्षकों की ई अटेंडेंस न्युनतम देखी जा रही है वही पर अतिथि शिक्षकों की ई अटेंडेंस लगभग बीस प्रतिशत तक पहुँची है जिसे शत-प्रतिशत बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के संचालक के.के. व्दिवेदी ने अपने पत्र क्र.अतिथि शिक्षक / उपस्थित /2025-26/217 / भोपाल दिनांक 15-7-25 के द्वारा मध्यप्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए उल्लेख किया गया है कि हमारे शिक्षक एप्प के माध्यम से उपस्थित दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। आदेश में साफ तौर पर वर्णित है कि जो अतिथि शिक्षकों की ई अटेंडेंस से उपस्थित दर्ज नही होगी उन अतिथि शिक्षकों को मानदेय की पात्रता नहीं होगी।
लोक शिक्षण संचालनालय के इस आदेश से उन अतिथि शिक्षकों के समक्ष रोजी रोटी का संकट मंडरा रहा है जिनके पास आज भी एडंराइड मोबाइल फोन उपलब्ध नहीं है। जब शिक्षा विभाग में यह आदेश लागू किया गया था, तब विभाग ने अपने शिक्षकों को एडंराइड मोबाइल फोन खरीदने के लिए शासकीय सुविधा के बतौर राशि उपलब्ध करायी गयी थी, तब भी शिक्षा विभाग के शासकीय शिक्षकों ने ई अटेंडेंस का विरोध कर अन्य कर्मचारियों की भांति शिक्षकों को भी ई अटेंडेंस से छूट दी गई थी। अब एक बार सरकार शासकीय शिक्षकों के साथ अतिथि शिक्षकों के लिए भी यह सेवा शर्त रखकर उनके सामने संकट पैदा कर दी है।
देखने में आया है कि अभी भी अधिकांश शिक्षकों के पास एडंराइड मोबाइल फोन उपलब्ध नहीं है, कीपैड मोबाइल से वह दूरभाष का लाभ तो उठाते देखे जा रहे हैं, लेकिन जिस हालात में उनके समक्ष परिवार को चलाने की जिम्मेदारी है , उन परिस्थितियों में एडंराइड मोबाइल फोन खरीद पाना और उसका नियमित संचालित कर पाना मुश्किल काम बन गया है। शिक्षा विभाग जब अपने शासकीय शिक्षकों को एडंराइड मोबाइल की सुविधा के लिए शासकीय खजाने से राशि उपलब्ध करायी गयी थी, तो शिक्षण कार्य में लगे अतिथि शिक्षकों को भी विभाग को एडंराइड मोबाइल फोन उपलब्ध कराना चाहिए, साथ ही उसमें व्यय होने वाली हर माह की व्यय राशि की सुविधा मुहैया होनी चाहिए। वैसे भी अतिथि शिक्षको को साल भर में नौ – दस महीने काम करने का अवसर प्रदान किया जाता है जिस का ही उनको भुगतान किया जाता है, साथ ही न उन्हें सी एल अवकाश की पात्रता है और न ही उन्हें मातृत्व अवकाश दिया जाता ऊपर से ई अटेंडेंस का फरमान उनके लिए पहाड लेकर खडा हो गया है।
लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के द्वारा इस पहलू पर विचार करने के पूर्व ही ई अटेंडेंस को अनिवार्य करने का आदेश अतिथि शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार को प्रदर्शित करता है जिससे प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक आंदोलित हो गये हैं।
ध्यान देने योग्य है कि वैसे भी अतिथि शिक्षकों की माली स्थित किसी से छिपी नहीं है, जैसे तैसे अतिथि शिक्षक अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे कि इस फरमान से शिक्षकों के सामने नया संकट हो गया है। लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल अपने फरमान की नये सिरे से समीक्षा कर एक बार उदारता पूर्वक मानवीय मूल्यों पर विचार करेंगी, ऐसी जनापेक्षा प्रदेश भर के अतिथि शिक्षकों ने की है।

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