रिपोर्ट -एकरार ख़ान


गाजीपुर/बिरनो।
जिले के बिरनो थाना क्षेत्र के जयरामपुर-हंसराजपुर मार्ग पर मौत दौड़ रही है – वह भी धड़ल्ले से ओवरलोड ट्रकों और भारी वाहनों के पहियों के नीचे! प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) के तहत बनी यह सड़क मूल रूप से ग्रामीणों के सुगम आवागमन और हल्के वाहनों के लिए बनाई गई थी, लेकिन अब यह टोल टैक्स से बचने का शॉर्टकट हाइवे बन चुकी है।
बारीकी से जानिए – कैसे ‘सहूलियत’ बनी ‘सजा’
जहां यह सड़क गांवों को शहर से जोड़ने का ज़रिया थी, वहीं अब यह भारी ट्रकों और ओवरलोड वाहनों की दौड़ का अड्डा बन चुकी है। सुबह से शाम तक सैकड़ों ट्रक इस संकरी सड़क और कमजोर पुलिया पर ऐसे दौड़ते हैं जैसे यह कोई एक्सप्रेसवे हो। इससे न केवल सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं, बल्कि आम राहगीरों और स्कूल जाने वाले बच्चों की जान पर भी बन आई है।
जर्जर पुलिया – हर पल हादसे का न्योता
इस सड़क पर कई छोटी-छोटी पुलिया मौजूद हैं जो पहले ही अपनी उम्र पार कर चुकी हैं। अब इन पर रोज़ ओवरलोड ट्रक गुजरते हैं, जिससे इन पुलियों की हालत और खराब होती जा रही है। किसी दिन कोई पुलिया ढह गई तो बड़ी जनहानि तय मानी जा रही है।
जांच में हुआ खुलासा – सड़क का डिज़ाइन भारी वाहनों के लिए नहीं!
पूर्व में जब ग्रामीणों के द्वारा शिकायत की गई थी तो विभागीय जांच कराई गई, जिसमें साफ़ कहा गया कि इस मार्ग का डिज़ाइन भारी वाहनों के लिए नहीं बना है। इसके बाद प्रशासन ने राहत भरा कदम उठाया – लो हाइट गेज बैरियर लगाने का आदेश जारी हुआ, जिससे कुछ समय तक ट्रकों की घुसपैठ रुकी रही।
बैरियर ‘गायब’, खतरा फिर कंधे पर
लेकिन हैरत की बात देखिए –बस एक सुबह बैरियर गायब… और फिर वही ट्रकों की दहाड़, धूल, रफ्तार और डर।
अब हालत ये है कि 10 से 11 फीट की पतली सड़क पर जब ट्रक सामने आते हैं, तो पैदल चलने वाले लोगों को जान बचाने के लिए खेतों में कूदना पड़ता है।
जनता में गुस्सा, प्रशासन मौन
एक ओर आमजन की जान सांसत में है, दूसरी ओर प्रशासन चुप है। न कोई निरीक्षण, न मरम्मत और न ही दोबारा बैरियर लगाने की कोई पहल। ग्रामीणों ने चेताया है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो वे धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।