गाजीपुर। देवकली ब्लॉक के ग्राम सभा मुतर्जीपुर में मनरेगा योजना के तहत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।

Spread the love

रिपोर्ट -एकरार खान

सरकार जहां ग्रामीणों को रोजगार देने और पारदर्शिता के साथ योजनाओं को लागू करने का दावा करती है, वहीं ग्राम सभा मुतर्जीपुर में इन दावों की सच्चाई कुछ और ही कहानी बयां करती है।

स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम सभा में मनरेगा कार्यों में एक साइड पर 59 मजदूरों तो दूसरी साइड पर 50 मजदूरों की नियमित रूप से हाजिरी लगाई जा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर एक भी मजदूर मौके पर मौजूद नहीं होता। ग्रामीणों का कहना है कि कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार की खुदाई या श्रम संबंधी गतिविधि नहीं होती, फिर भी रजिस्टरों और ऑनलाइन पोर्टल पर मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है।

सूत्रों का यह भी कहना है कि इस तरह का फर्जीवाड़ा कोई नया नहीं है, बल्कि पिछले कई महीनों से लगातार जारी है। ग्राम प्रधान, सचिव और संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से इस फर्जी हाजिरी के खेल को अंजाम दिया जा रहा है। इससे न केवल सरकारी धन की बंदरबांट हो रही है बल्कि वास्तविक मजदूरों को रोजगार से भी वंचित किया जा रहा है।

ग्रामीणों का कहना है कि जब वे मौके पर जाते हैं तो वहां न कोई मजदूर दिखता है, न कोई कार्य प्रगति पर होता है, लेकिन मनरेगा जॉब कार्ड धारकों के खातों में भुगतान होता रहता है, जो यह साबित करता है कि पूरे सिस्टम में किसी स्तर पर गंभीर गड़बड़ी है।

गांव के कई लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यदि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तो लाखों रुपये के फर्जी भुगतान का खुलासा हो सकता है। लेकिन स्थानीय प्रशासन और विभागीय अधिकारी इस पर पूरी तरह मौन हैं, जिससे भ्रष्टाचारियों के हौसले और बुलंद हो रहे हैं।

सरकार की योजना जहां ग्रामीण विकास और रोजगार सृजन के उद्देश्य से चलाई जाती है, वहीं इस तरह के घोटाले मनरेगा जैसी जनहितकारी योजनाओं की साख को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन और संबंधित विभाग इस गंभीर मामले पर कब तक चुप रहते हैं या वास्तविक जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *