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जिलाधिकारी ने अन्तर्राष्ट्रीय लोकगायिका उषा गुप्ता के देवी गीत व कजली वीडियो व यूट्यूब चैनल का किया विमोचन

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रिपोर्ट..वसीम

मीरजापुर । गंगा जमुनी संस्कृति व सांस्कृतिक विरासत के रूप में पहचानने वाला मीरजापुर की लोक संस्कृति, नृत्य कविता के साथ ही कजली गीत का सुखद मिश्रण मीरजापुर में देखने को मिलता है। स्थानीय मिर्जापुरी बोली में लोक संस्कृति के लोकप्रिय शैलियों कजली, बेलवरिया, चैलर आदि गीतो के जननी कहा जाता हैं। यहां कलाकारो के द्वारा देश प्रदेश के साथ ही विदेशो में भी कजली का गायन कर जनपद की पहचान बनाने में सफल रहें है। उसी के क्रम में जनपद मीरजापुर की लोकप्रिय अन्तर्राष्ट्रीय कजली व लोकगीत गायिका उषा गुप्ता के द्वारा अपने कजली व देवी गीतो में वीडियो बनाकर जनपद के संस्कृति व पहचान को लोगो के सामने रखने का एक अनूठा प्रयास किया गया हैं।
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन व पद्मश्री उर्मिला श्रीवास्तव के द्वारा आज उषा गुप्ता के द्वारा गाए गये गीत व फिल्मांकन किये गये वीडियो का जिला पंचायत सभागार में आयोजित भव्य कार्यक्रम में विमोचन किया गया हैं। इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा उषा गुप्ता के यूट्यूब चैनल         ^^ushaguptaoffical**    (उषा गुप्ता आफिसियल) का विमोचन किया गया। इस अवसर पर वृद्धेश्वरनाथ महादेव मन्दिर के महन्थ डाॅ0 योगानन्द गिरी के अलावा काशी प्रान्त संस्कार भारती के अध्यक्ष डाॅ0 गणेश अवस्थी, वरिष्ठ साहित्यकार/पत्रकार सलिल पाण्डेय के अलावा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहें।
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने उषा गुप्ता के देवी गीत ‘‘लाले लाले फुलवा के गजरा बनाके मैय्या…..’’ व कजरी गीत ‘‘तीज कजरी के दिन के नगिचान बा लाय द पिया लाल चुनरी…’’ तथा ‘‘हमरे मिर्जापुर में अल मस्ती का चाल बा बड़ा बेमिसाल बा…’’ वीडियो गीत का विमोचन करने के पश्चात अपने सम्बोधन में कहा कि कजरी गायिका उषा गुप्ता ने अपने गीतो के माध्यम से लोगो के सामने अपनी संस्कृति और लोककला को आगे बढ़ाने के लिये भरपूर प्रयास किया है इसके लिये वे बहुत बधाई के पात्र है। जिलाधिकारी ने कहा कि उषा ने यह भी कर दिखाया है कि व्यक्ति के जीवन में कितने भी संघर्ष क्यो न हो यदि व्यक्ति के मन में आगे बढ़ने की इच्छा व दृढ़ शक्ति होती है तो रास्ता अपने आप खुद ही बन जाता हैं एवं ईश्वर भी उसकी मद्द करता हैं जो अपनी मद्द स्वंय करते हैं। उषा ने अपने गीतो के माध्यम से केवन प्रदेश व देश ही नही अपितु साथ समन्दर पार विदेशो में भी जाकर अपने गीतो का गायन किया तथा लोगो के सामने एक जिजीविषा व संघर्ष की मिशाल प्रस्तुत करते हुये यह बताया है कि कैसे अपने अच्छे कर्माे से अपना स्थान व पहचान लोगो के बीच में बना सकते हैं इससे अन्य लोगो प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होने कहा कि जनपद की लोकविधा कजली व अन्य विधा को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है वह भी निश्चित रूप से सराहनीय कदम हैं। उन्होने टीम के सदस्यों को बधाई देते हुये कहा कि सभी सुधीजनो से अपील भी की कि अपनी कला व संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिये आगे आए।

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