मनरेगा कार्य में बिचौलियों की मनमानी।



राजधानी दुमका अंतर्गत रानीश्वर प्रखंड के रंगालिया पंचायत मे कनीय अभियंता की अनुपस्थिति में ही सिंचाई नाला की ढलाई किया जा रहा है।वहीं योजना में ग्रामीणों द्वारा कार्य में घोर अनियमितता का आरोप लगा रहे है।ग्रामीणों ने बताया की योजना में टुकड़ा ईट के उपयोग के साथ आधा इंची नीचे ढलाई किया जा रहा है।वहीं कार्य के नाम पर खानापूर्ति कर अवैध रूप से पैसों की निकासी कर बंदरबाट किया जा रहा है।
रानीश्वर प्रखंड में संचालित मनरेगा योजनाओं में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए निर्माण कार्य किया जा रहा है|रोजगार सेवक एवं बिचौलिया द्वारा तालाब निर्माण, सिंचाई नाली ,बिरसा कूप मे कार्य से अधिक निकासी की जा रही है| जिसकी निगरानी करने वाला कोई नहीं है।जानकारी अनुसार नरेगा योजना में कार्य करने वाले मजदूरों के बजाए किसी अन्य लोगों के नाम पर पैसों की निकासी की जा रही है, और योजना में कार्य से अधिक भुक्तान किया जा रहा है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी
सिंचाई नाला निर्माण मामले में कनिय अभियंता रवींद्र नाथ टैगोर ने बताया कि,सिंचाई नाली में ढलाई की जा रही है,या जुड़ाई इस विषय में हमें जानकारी नहीं है।वही मामले को लेकर सहायक अभियंता अख्तर अंसारी ने बताया हम देखते हैं,क्या मामला है।वही पंचायत सचिव हरि नारायण सिंह ने बताया ढलाई करवाना हमारा काम नहीं है, बल्कि टेक्निकल इंजीनियर का है।वहीं पंचायत के मुखिया जिशु बास्की ने बताया सिंचाई नाली का निर्माण में जोड़ाई चल रहा है, यह हमें किसी ने नहीं बताया है। आपको बताते चलें
मजदूर के द्वारा बताया गया कि ,सद्दाम और शमसुल नामक बिचोलिया जो रंगालिया पंचायत के ही रहने वाले हैं, उनके द्वारा कार्य कराया जा रहा है। गौर करने बात है, कि जब कार्य के विषय संबंधित अधिकारी को जानकारी नहीं है,तो कार्य आखिर कौन करवा रहा है। आखिर योजना में भुगतान कैसे हो रहा है।ये उच्च स्तरीय जांच का मामला है।