गाजीपुर वन विभाग की मिलीभगत से चल रही अवैध आरा मशीनें

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गाजीपुर। वन विभाग की मिलीभगत से चल रही अवैध आरा मशीनें रिपोर्ट -एकरार खान गाजीपुर। मोहम्मदाबाद क्षेत्र में अवैध आरा मशीनों का जखीरा खुलेआम संचालित हो रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन आरा मशीनों को चलाने के लिए हर माह 3 से 4 हजार रुपये तक की कमीशन वसूली की जाती है। यह रकम वन विभाग के रेंजर द्वारा डीएफओ (Divisional Forest Officer) के नाम पर ली जाती है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि वन विभाग की शह पर यह पूरा खेल चल रहा है। जो आरा मशीन संचालक कमीशन देने से इंकार कर देते हैं, उनकी दुकानें जबरन बंद करा दी जाती हैं। इस मिलीभगत ने न सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है बल्कि क्षेत्र की हरियाली पर भी संकट खड़ा कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि अवैध आरा मशीनों से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है और सरकारी राजस्व भी प्रभावित हो रहा है। लोगों ने जिला प्रशासन व शासन से तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों पर रोक लग सके। वर्जन। डीएफओ। अजीत सिंह से जब इस मामले में बातचीत करने कि कोशिश कि गई तो उनका फोन उठा ही नहींरिपोर्ट -एकरार खान

गाजीपुर। मोहम्मदाबाद क्षेत्र में अवैध आरा मशीनों का जखीरा खुलेआम संचालित हो रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन आरा मशीनों को चलाने के लिए हर माह 3 से 4 हजार रुपये तक की कमीशन वसूली की जाती है। यह रकम वन विभाग के रेंजर द्वारा डीएफओ (Divisional Forest Officer) के नाम पर ली जाती है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि वन विभाग की शह पर यह पूरा खेल चल रहा है। जो आरा मशीन संचालक कमीशन देने से इंकार कर देते हैं, उनकी दुकानें जबरन बंद करा दी जाती हैं। इस मिलीभगत ने न सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है बल्कि क्षेत्र की हरियाली पर भी संकट खड़ा कर दिया है।

ग्रामीणों का कहना है कि अवैध आरा मशीनों से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है और सरकारी राजस्व भी प्रभावित हो रहा है। लोगों ने जिला प्रशासन व शासन से तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों पर रोक लग सके।

वर्जन। डीएफओ। अजीत सिंह से जब इस मामले में बातचीत करने कि कोशिश कि गई तो उनका फोन उठा ही नहीं

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