आरती के पति खेलन सिंह की 11 सितंबर 2009 को बिमारी के बाद मौत हो गई थी वे चर्चा कालरी में नौकरी करते थे 2010 मे खेलन सिंह की पत्नी आरती ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था चार बर्ष बाद तत्कालीन निदेशक कार्मिक ने यह कहते हुए का आवेदन ख़ारिज कर दिया कि खेलन सिंह आदतन ड्यूटी से नागा करते थे ऐसी स्थिति में उनको नौकरी देना संभव नहीं है बर्ष 2022 में कामरेड हरिद्वार सिंह के पास आरती अपने रिश्तेदार के साथ पहुँचकर सारी बात बताई कामरेड हरिद्वार सिंह सारी बात सुनकर एवं उपलव्ध दस्तावेजों का अवलोकन कर अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के नाम से एक आवेदन आरती की ओर से डलवाया लगातार प्रकरण को आगे बढ़ाने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों से सम्पर्क करते रहे और अंततः आरती जहां चाहती थी हसदेव क्षेत्र के वर्कशॉप बिजुरी मे नौकरी करने लगी इस प्रकरण मे बैकुंठपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक श्री बी एन झा निदेशक कार्मिक श्री बिरंची दास श्री परेडा श्री सुधांसु ट्रेड यूनियन के महेश यादव अतुल गुप्ता नवीन खान आदि ने अहम भूमिका निभाई एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश के अध्यक्ष कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा कि देर है अँधेर नहीं ऐसे प्रकरणों को बिना कोर्ट के हल कराने में बेहद ख़ुशी होती है कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा ऐसे दर्जनों प्रकरणों का वे निराकरण कराये हैं किन्तु सुगुडी बाई और आरती का प्रकरण याद रखने लायक़ है यह मज़दूरों की जीत है

