पंचायत भवन में रोस्टर के अनुसार कोई कर्मचारी नहीं बैठ रहा

मेराज अहमद/ ब्यूरो रिपोर्ट
बहराइच | सरकार स्वच्छता मिशन के अंतर्गत ग्रामीण अंचलों में सामुदायिक शौचालय एवं पंचायत भवन का निर्माण कर रही है ताकि ग्रामीण सेवाओं का फायदा उठा सके लेकिन ब्लॉक स्तर पर बैठे अधिकारियों के द्वारा सरकार द्वारा दी गई योजनाओं का फायदा ग्रामीणों को दिलवाने में आनाकानी और लापरवाही बरत रहे हैं जिससे ग्रामीण वासी सुविधाओं से दिनों दिन वंचित होते जा रहे हैं | इसी के तहत बहराइच जिले के चितौरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत रेड़ा लाल में निर्मित पंचायत भवन एवं सामुदायिक शौचालय भवन का मामला प्रकाश में आया है जहां पर आज संवाददाता के औचक निरीक्षण में पंचायत भवन में ताला बंद पाया गया और रोस्टर के अनुसार प्रधान एवं सचिव के बैठने की व्यवस्था है | ताला बंद होने की वजह से यह लोग भी नहीं मिले और पंचायत सहायक ग्रामीणों के मुताबिक मनमाने तरीके से काम कर रहा है जब मन करता है तो पंचायत भवन खोलना है नहीं तो बंद रहता है | पंचायत भवन के आसपास साफ सफाई की व्यवस्था नहीं है और इससे कुछ ही दूरी पर ग्रामीणों के लिए बना हुआ सामुदायिक शौचालय में भी ताला बंद पड़ा मिला। जब ग्रामीणों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 2022 में इस सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ था तब से लेकर आज तक सामुदायिक शौचालय के अंदर बने विकलांग, पुरुष एवं महिला के शौच के लिए कमरे नहीं खुले हैं उनमें ताला बंद पड़ा है और इसकी जो केयरटेकर है वह केवल तनख्वाह हर महीने लेती है और कभी भी ताला खोलने के लिए नहीं आती है इससे हम सभी लोगों को शौच क्रिया करने के लिए गांव के बाहर जाना पड़ रहा है जिससे शर्म भी लगती है और लोग उपहास भी उड़ाते हैं ; खासकर महिलाओं के लिए भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है जबकि गांव में सामुदायिक शौचालय बने होने के बावजूद महिलाएं भी शौच क्रिया के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं ; जबकि उत्तर प्रदेश सरकार स्वच्छता मिशन के अंतर्गत हर ग्राम पंचायत स्तर पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवा रही है ताकि गांव के लोग अपनी दैनिक शौच क्रिया करने के लिए आसानी से सामुदायिक शौचालय में जा सके और उसका उपयोग कर सके ; लेकिन प्रधान और सचिव की आपसी मिलीभगत से ग्रामीण सामुदायिक शौचालय एवं पंचायत भवन में संचालित सेवाओं का फायदा उठाने से वंचित हो रहे हैं | सामुदायिक शौचालय भवन के अंदर हैंड वॉश करने के लिए ना तो बेसिन उपलब्ध है और ना ही बेसिन के नीचे लगने वाला पाइप उपलब्ध है तथा पानी की भी व्यवस्था पूर्ण रूप से उपलब्ध नहीं है | आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र एवं आवश्यक प्रमाण पत्र बनवाने के लिए उन्हें बाहर का रास्ता देखना पड़ रहा है | ग्रामीणों में महेश कुमार ,गंगाराम आदि लोगों ने सामुदायिक शौचालय के कमरों में बंद ताले को खुलवाने के लिए हाथ उठाकर मांग किया है कि इन तालों को खुलवाया जाए जिससे हम सभी लोग सामुदायिक शौचालय का फायदा उठा सके |