रिपोर्ट -एकरार ख़ान


गाजीपुर। आरटीओ कार्यालय गाजीपुर एक बार फिर चर्चाओं में है। अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने वाले अफसरों की कार्यशैली से आम जनता परेशान है। खासकर कार्यालय में तैनात आरआई (रिकॉर्डिंग इंस्पेक्टर) साहब एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं।
सोमवार को कार्यालय खुलने के काफी समय बाद भी आरआई साहब का अता-पता नहीं था। बताया जा रहा है कि सुबह 11:10 बजे तक भी वे कार्यालय नहीं पहुंचे, और कर्मचारियों द्वारा लगातार फोन किए जाने पर भी कॉल रिसीव नहीं किया गया। इससे कार्यालय का कामकाज प्रभावित हुआ और फरियादी इधर-उधर भटकते नजर आए।
सूत्रों के मुताबिक, आरआई साहब पर पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। ताजा जानकारी के अनुसार उन्होंने कथित रूप से कमीशनखोरी के उद्देश्य से अपने ही कार्यालय में एक अलग “बायोमैट्रिक कक्ष” स्थापित करा लिया है, ताकि सिस्टम के जरिए होने वाली उपस्थिति से बचा जा सके और समय से ऑफिस आने-जाने का रिकॉर्ड ना बने।
मुख्य आरोप:
निर्धारित समय पर कार्यालय न पहुंचना
कर्मचारियों और नागरिकों के फोन कॉल्स को इग्नोर करना
कार्यालय परिसर में निजी लाभ के लिए बायोमैट्रिक कक्ष लगवाना
पहले से भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी के आरोपों में घिरे होना
स्थानीय नागरिकों और कार्यालय से जुड़े लोगों में इस लापरवाह रवैये को लेकर गहरा आक्रोश है। लोग मांग कर रहे हैं कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
सरकार जहां एक ओर ई-गवर्नेंस और जवाबदेही की बात कर रही है, वहीं आरटीओ जैसे संवेदनशील विभाग में इस तरह की लापरवाहियां चिंता का विषय हैं।