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गाजीपुर पंचायती चुनाव तेज: कौन होगा कासिमाबाद का अगला ब्लॉक प्रमुख?

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कासिमाबाद (गाजीपुर)।
कासिमाबाद ब्लॉक प्रमुख का चुनाव अभी भले ही दूर हो, लेकिन क्षेत्र में राजनीतिक हलचलें अभी से तेज़ हो चुकी हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार ब्लॉक प्रमुख की सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हो सकती है। यदि ऐसा होता है, तो यह चुनाव केवल एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि धनबल और बाहुबल का अखाड़ा भी साबित हो सकता है।

संभावित उम्मीदवारों की चर्चा

सूत्रों के मुताबिक, इस बार दो नाम सबसे अधिक चर्चा में हैं:

  1. शिव प्रताप सिंह उर्फ छोटू सिंह
    शिव प्रताप सिंह, विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे राम प्रताप सिंह पिंटू के छोटे भाई है वे कासिमाबाद गोसाईगंज के बाहुबली विधायक अभय सिंह का करीबी माना जाता है। सूत्रों की मानें तो अभय सिंह कई बार उनके पारिवारिक आयोजनों में उपस्थित भी रहे हैं। और यह विशाल सिंह चंचल के करीबी भी माने जाते हैं।
  2. अनुराग सिंह ‘जेलर’
    अनुराग सिंह, माहुवारी निवासी व पूर्व प्रधान अजय सिंह के पुत्र हैं। वे लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र नेता रह चुके हैं और बहुत दिनों से राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। अनुराग सिंह को पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह का करीबी माना जाता है। उनके घर और राजनीतिक कार्यक्रमों में धनंजय सिंह की उपस्थिति चर्चा का विषय बनी रहती है। एंव वर्तमान एम एल सी विशाल सिंह चंचल से भी संबंध है। अनुराग के सहयोगी सोनू सिंह, जो वर्तमान में जेल में हैं, अनुराग सिंह की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक रूप से मजबूत रही है। उनके पिता अजय सिंह ने भी सक्रिय राजनीति की है। अनुराग सिंह स्वयं अपने दम पर चुनाव लड़ने व चुनाव को अपने पाले में रखते का मादा रखते हैं। वही अनुराग सिंह पर लखनऊ के कई बड़े नेताओं का भी आशिर्वाद होने की भी चर्चा है

प्रशासन के लिए भी चुनौती?

अगर शिव प्रताप सिंह और अनुराग सिंह जैसे बाहुबली समर्थित और रसूखदार चेहरे चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो यह मुकाबला न केवल क्षेत्रीय राजनीति को गरमा देगा, बल्कि प्रशासन के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आम जनता में यह चर्चा भी ज़ोर पकड़ रही है कि यह चुनाव केवल वोटों का नहीं, बल्कि राजनीतिक ताकत और गठजोड़ का भी खेल होगा।

कासिमाबाद ब्लॉक प्रमुख का चुनाव आने वाले कुछ महिनों में और अधिक रोचक होता जाएगा। वहीं जनता यह देख रही है कि इस बार विकास, नेतृत्व क्षमता और ईमानदारी की जगह कहीं सिर्फ धनबल और बाहुबल का प्रदर्शन तो नहीं होगा।

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