उल्लंघन पर जेल या जुर्माना


रिपोर्ट अमित दत्ता
उमरिया – मध्य प्रदेश मत्स्यद्योग अधिनियम 1972 की धारा 3(2) के अंतर्गत 16 जून से 15 अगस्त 2025 तक की अवधि को बंद ऋतु घोषित किया गया है। मध्य प्रदेश शासन मछली पालन के ज्ञापन क्रमांक- ई -17/ 2/ 84/36 दिनांक 23-7- 1987 के अनुसार छोटे तालाब या अन्य स्रोत जिनका कोई संबंध किसी नदी/नालों से नहीं है। एवं जिन्हें निर्दिष्ट जल की परिभाषा के अंतर्गत नहीं लाया गया। को छोड़कर समस्त नदियों एवं जलाशयों में बंद ऋतु में मत्स्याखेट पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। जल स्रोतों में मछलियों की प्रजनन को ध्यान में रखते हुए उमरिया कलेक्टर श्री धर्णेन्द् कुमार जैन ने जिले में अवैध मत्स्याखेट, मछली का परिवहन क्रय विक्रय एवं संग्रहण जैसी सभी गतिविधियों को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया है। उमरिया कलेक्टर ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया है। कि जिले की सभी नदियों, जलाशयों एवं नालों में किसी भी प्रकार की मत्स्याखेट गतिविधि अवैध मानी जाएगी। एवं तालाबों मत्स्याखेट के लिए विभाग से अनुमति लेना आवश्यक होगा। यह निर्णय मछलियों की प्रजातियों के संरक्षण जलवायु संतुलन और जलजीव विविधता को बनाए रखने के उद्देश्य लिया गया हैं इस बंद ऋतु में मछलियां अंडे देती हैं और उनकी संख्या बढ़ती है जिसे रोकना परिस्थितिकी के लिए हानिकारक हो सकता है अवैध गतिविधियों में लिफ्ट पाए जाने पर दोषियों पर मध्यप्रदेश मत्स्यद्योग अधिनियम 1981 की धारा की धारा 5(5) के तहत कार्रवाई की जाएगी इसके तहत 1 वर्ष तक का कारावास रू-5000=00 (रू 0 पांच हजार ) तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। कलेक्टर ने मछुआ समुदाय, व्यापारियों एवं आमजनों से अपील की है। कि वह इस आदेश का शक्ति से पालन करें और यदि कहीं पर अवैध मत्स्याखेट की सूचना मिले तो प्रशासन को अवश्य सूचित करें। प्रशासन द्वारा निगरानी के लिए संबंधित विभागों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। एवं जल्द ही गश्ती दलों की भी तैनाती की जाएगी। आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।