भाकियू शंकर का ग़जरौला में विशाल धरना-प्रदर्शन, मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी धनौरा को सौंपा

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संवाददाता डॉ प्रथम सिंह

भारतीय किसान यूनियन (शंकर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी दिवाकर सिंह के नेतृत्व में (मंगलवार) को संगठन के हज़ारों कार्यकर्ताओं ने किसान समस्याओं को लेकर ग़जरौला चौपला पुल के नीचे विशाल धरना-प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाज़ी की है, इस दौरान मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक मांगपत्र उपजिलाधिकारी धनौरा को सौंपा गया, जिसमें सभी समस्याओं के त्वरित निस्तारण की मांग की गई है। वहीं मौके पर पहुंचे सम्बंधित विभागों के अधिकारियों ने जल्द ही समस्याओं के निस्तारण का आश्वाशन दिया है। किसान समस्याओं को लेकर आयोजित इस धरना-प्रदर्शन व महापंचायत में हज़ारों की संख्या में लोग ट्रैक्टर ट्रॉली पर सवार होकर ग़जरौला चौपला पुल के नीचे एकत्र हुए जहाँ पर भारी संख्या में ट्रैक्टर खड़े होने के चलते जाम के हालात बन गए,इस दौरान दर्जनों पुलिस कर्मी भी जाम खुलवाने के लिएं घण्टों तक जूझते रहे। पंचायत को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी दिवाकर सिंह कहा कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार तो अच्छा कार्य कर रही है किंतु कुछ भृष्ट अधिकारी व कर्मचारियों की मनमानी के चलते किसान व आम जनता को योजनाओं का भरपूर लाभ नहीं मिल पा रहा है।प्रदेश के 20 जनपदों में 956 प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक शाखाओं के द्वारा लाखों किसान क्रेडिट कार्डों पर दूसरी बैंकों के मुकाबले 3 प्रतिशत अधिक ब्याज़ वसूलने के साथ ही नया केसीसी बनने पर प्राइवेट बीमा के नाम पर भी करोड़ों रुपयों की वसूली की जा रही है व 300 रुपये का स्टाम्प लिया जा रहा है। 2 लाख तक के केसीसी पर एन ई सी चार्ज लगाया जा रहा है व भूमि को बंधक बनाया जा रहा है जोकि सरासर नियम विरुद्ध है। सर्विस चार्ज पर जीएसटी किसानों से ली जाती है जबकि इसे बैंक द्वारा अपने मुनाफ़े से देना चाहिए, एसएमएस चार्ज समाप्त करते हुए समझौते के तहत बंद ऋण खातों के बैंक ग्राहकों को पत्र सौंपा जाना चाहिए। प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना मूल्य में वृद्धि न करके किसानों के साथ में धोखा किया गया है,जिससे प्रदेश भर के किसानों में भारी रोष व्याप्त है,इस विषय पर भी सरकार द्वारा गहन चिंतन-मनन किया जाए, गन्ना प्रजाति को-0238 के बाद प्रदेश के कृषि गन्ना वैज्ञानिक कोई दूसरी प्रजाति समानांतर विकसित नहीं कर सके हैं, इसके साथ ही गन्ना क्रय केंद्रों पर घटतौली के साथ गन्ना तौल निर्धारित दिन व समय पर नहीं की जा रही है जिससे किसान परेशान हैं, डिजिटल होते भारत में एक किसान को भी सुविधानुसार अपनी फसलों को कहीं पर भी आपूर्ति की आज़ादी होनी चाहिए। सरकार को एक बार फिर से इस देश के अन्नदाता को कर्ज़ मुक्त करना चाहिए, जब मोदी सरकार देश के बड़े उद्योगपतियों के कर्ज़ माफ़ कर सकती है तो फ़िर किसान का क्यो नहीं किया जा सकता। किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख की जाए, किसान क्रेडिट कार्ड का समय पर रिनुअल करने किसानों से केवल ब्याज़ की धनराशि के आधार पर ही रिनुअल होना चाहिए एवं दूसरे प्रदेशों की तरह ब्याज़ की भरपाई सरकार द्वारा हो। जिले के गन्ना विभाग से कुछ गन्ना बीज माफिया मिलीभगत करके किसानों को 1 हज़ार से 2 हज़ार रुपये प्रति क्विंटल से गन्ना बीज दे रहे हैं जिस पर रोक लगनी चाहिए, साथ ही वेव शुगर मिल धनौरा द्वारा समस्त बकाया गन्ना भुगतान कराया जाए। विधुत विभाग में फैले भ्र्ष्टाचार पर रोक लगाते हुए जिले के कृषि फीडरों को 10 घण्टे निर्बाध विधुत आपूर्ति की जाए, ख़राब घरेलू विधुत मीटरों को बदलवाया जाए। जिले के समग्र विकास के लिएं अमरोहा विकास प्राधिकरण के गठन के साथ ही गंगा धाम तिगरी में विधुत शवदाहगृह का निर्माण व तिगरी से बृजघाट तक गंगा रिवर फ्रंट बनाते हुए इसे पर्यटक स्थल घोषित किया जाए। किसानों की खतौनी में गलत तरीके से दर्ज़ हुई जानकारी को लेखपालों के द्वारा अभियान चलाकर सही कराया जाए ।प्रदेश की जल मिशन योजना में हो रही धांधली पर रोक लगाते हुए कार्यदायी संस्था द्वारा तोड़ी गई सड़कों व खंडजों को सही कराया जाए। देश भर में संचालित सभी ट्रेनों में 4 साधारण कोच लगाए जाएं व अमरोहा से हरिद्वार के लिएं एक सीधी एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन कराया जाए।छुट्टा व आवारा गौवंशीय पशुओं के आतंक से जनता को छुटकारा दिलाया जाए व आवारा पशुओं के द्वारा दुर्घटना में मृतक आश्रित को 10 लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए। किसान के खेतों में खड़े बिजली टावरों के एवज में किसानों को प्रतिवर्ष उचित मुआवजा दिया जाए , इसके साथ ही प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक के द्वारा क्रेडिट कार्ड पर लगाये जाने वाले अनावश्यक शुल्क व ब्याज़ पर रोक लगाई जानी चाहिए।
इस दौर धरना-प्रदर्शन में सत्यपाल सिंह,चौधरी धर्मवीर सिंह, चौधरी नवलवीर सिंह,नेमपाल सिंह,धर्म सिंह पंवार, जगत सिंह चौहान,पूनम रानी,मंजीत कौर, देव मावी, नईम प्रधान,जौनी जैदी, निज़ाम प्रधान, अशोक चौधरी,अनिल भटनागर,मुकेश कुमार गर्ग, ओमवीर सिंह यादव,रवि चौधरी,शेर सिंह राणा,यूसुफ चौधरी,मुजफ्फर अली, मुतलीब अली व सत्यवीर सिंह समेत हज़ारों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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