रिपोर्ट -एकरार खान


गाजीपुर। वाराणसी-गोरखपुर हाईवे पर सफर करना अब जोखिम से खाली नहीं रहा। खासतौर पर गाजीपुर जिले के देवकली, नंदगंज, मरदह और पियरी के बीच सड़क की हालत बेहद खराब हो चुकी है। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, जिससे रोजाना आवागमन करने वाले राहगीर हादसों के डर में सफर करते हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक यह हाईवे करीब सात साल पहले बनाया गया था, लेकिन निर्माण के बाद से अब तक 70 से अधिक बार इसकी मरम्मत हो चुकी है, बावजूद इसके सड़क की हालत जस की तस बनी हुई है। बारिश के मौसम में तो स्थिति और भी भयावह हो जाती है।
हर दिन होता है पैचवर्क, लेकिन समाधान नहीं
प्रशासन द्वारा केवल औपचारिकता के तौर पर गड्ढों में मिट्टी और पत्थर भर दिए जाते हैं, जो दो-तीन दिन में फिर से उखड़ जाते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि सड़क निर्माण में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं, जिसकी मार अब आम जनता झेल रही है।
हादसे की आशंका, जिम्मेदार चुप
इस मार्ग से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं, जिनमें स्कूल बसें, एम्बुलेंस, और आम यात्री शामिल हैं। सड़क की जर्जर हालत के कारण कई बार वाहन फिसल चुके हैं और दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। लेकिन अब तक न तो कोई स्थायी मरम्मत कराई गई है और न ही कोई अधिकारी जवाबदेही ले रहा है।
स्थानीयों की मांग – जांच हो निर्माण कार्यों की
देवकली, नंदगंज, मरदह और पियरी के लोगों ने मांग की है कि इस हाईवे के निर्माण और बार-बार हो रही मरम्मत के बावजूद सुधार न होने की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि आखिर पैसे खर्च होने के बाद भी सड़क क्यों नहीं सुधर रही।
यदि समय रहते विभाग नहीं जागा तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, जिसका जिम्मेदार कौन होगा?